Aye Gham E Dil Kya Karoon - Jagjit Singh
Tekst piosenki
Album: Shukrana, Vol. 5 (The Best of Jagjit Singh Ever) (2013)
TEKST PIOSENKI AYE GHAM E DIL KYA KAROONW WYKONANIU JAGJIT SINGH
शहर की रात और मैं नाशाद-ओ-नाकारा फिरूँ।
जगमगाती जागती सड़कों पे आवारा फिरूँ।।
गैर की बस्ती है कब तलक दर-बदर मारा फिरूँ।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
यह रूपहली छाँव यह आकाश पर तारों का जाल ।
जैसे सूफी का तस्सवुर जैसे आशिक़ का खयाल।।
आह लेकिन कौन समझे कौन जाने जी का हाल।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
रात हंस हंस कर यह कहती है के मयखाने में चल।
फिर किसी शेहनाज़-ऐ-लाला रुख के काशाने में चल।।
यह नही मुमकिन तो फिर ऐ दोस्त वीराने में चल।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
जी में आता है यह मुर्दा चाँद तारे नोच लूँ।
इस किनारे नोच लूँ और उस किनारे नोच लूँ।।
एक दो का ज़िक्र क्या सारे के सारे नोच लूँ।।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
रास्ते में रुक के दम ले लूँ मेरी आदत नहीं।
लौट कर वापस चला जाऊं मेरी फितरत नहीं।।
और कोई हमनवां मिल जाए यह किस्मत नहीं।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
ऐ ग़म-ऐ-दिल क्या करूँ ऐ-बेहश्त-ऐ-दिल क्या करूँ।।
।।.देओल.।।
NAJNOWSZE ALBUMY JAGJIT SINGH (78)
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